उपभोक्ता को गुणवत्ताविहीन सीमेन्ट बेंचना भारी पड़ा, देना होगा 6.95 लाख रू. पेनाल्टी
पीड़ित पक्ष की ओर से कृष्ण कुमार उपाध्याय एडवोकेट ने किया। महसो इटिया टोला निवासी संतोष कुमार पाण्डेय, ने आरडीटी इन्टरप्राइजेज की सलाह पर अल्ट्राटेक सीमेन्ट का प्रयोग भवन निर्माण में किया था। किन्तु निर्माण के कुछ ही माह बाद छत में दरारें आ गईं जिसकी शिकायत व विक्रेता व निर्माता से किया। उन्होने निराशाजनक जवाब दिया और टालमटोल करते रहे। विवश होकर पीड़ित ने जिला उपभेक्ता विवाद प्रतितोष आयोग बस्ती में वाद दायर किया। पीड़ित सेतोष कुमार का कहना है कि इंजीनियर के मार्गदर्शन के अनुसार भवन निर्माण करवाया गया था। पर्याप्त सावधानी बरतने के बावजूद छत में 8 दरारें आ गईं।
अल्ट्राटेक सीमेन्ट के कस्टमर केयर से बात की गई, आश्वासन दिया गया कि आपकी शिकायत का निष्पक्ष निसतारण किया जायेगा। किन्तु विक्रेता से लेकर कम्पनी तक सभी जिम्मेदार टालमटोल करते रहे। मामले की सुनवाई करते हुये आयोग ने कहा कि सीमेन्ट की गुणवत्ता खराब होने के कारण उपभोक्ता द्वारा भवन निर्माण में लगाई गई अन्य सामग्री भी नष्ट हो गई, उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा। जांच में सामने आया कि गुणवत्ताविहीन सीमेन्ट के कारण ही छत में दरारें आईं और उपभोक्ता को तरह तरह से परेशान होना पड़ा। छत में दरारें आने के बाद न केवल अन्य सामग्री बरबाद हुई बल्कि भवन भी निष्प्रयोज्य हो गया। आयोग ने अपने निर्णय में यह भी कहा कि क्षतिपूर्ति समय से न देने पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ सम्बन्धित धनराशि का भुगतान करना होगा।
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